कुल्लू , 11 जुलाई, 2022 । जिला के किसी भी भाग में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए सभी विभागों को उपयुक्त तालमेल के साथ एक टीम की तरह कार्य करना चाहिए। आपदा के दौरान क्षति को कम करने तथा राहत व बचाव कार्यों में प्रत्येक विभाग और व्यक्ति का योगदान आवश्यक है। यह बात कार्यकारी उपायुक्त प्रशांत सरकैक ने आज यहां मॉनसून पूर्व तैयारियों को लेकर आयोजित जिला स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला अनेक प्रकार की आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील है और पहले से ही सभी विभागों को आवश्यक ऐहतियाती प्रबंध करनेे चाहिए। उन्होंने विशेषकर जिला में हाल ही में हुई बादल फटने की घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी व सड़कों की बहाली पर विशेष बल दिया।
बैठक में अवगत करवाया गया कि चोज गांव में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई है। मलाणा गांव में बिजली अगले दो दिनों में बहाल कर ली जाएगी। सोलंग गांव में पानी की समस्या का जल्द समाधान करने के लिये उन्होंने जल शक्ति विभाग को निर्देश दिये। मलाणा गांव में पानी की आपूर्ति भी जल्द बहाल करने को उन्होंने संबंधित विभाग को कहा।
सभी विभाग करवाएं उपकरणों व श्रम शक्ति की अद्यतन सूची उपलब्ध
कार्यकारी उपायुक्त ने सभी विभागों से जिला स्तर, उपमण्डल स्तर व खण्ड स्तर पर उपलब्ध उपकरणों व श्रम शक्ति की अद्यतन सूची जिला आपदा प्रबंधन को उपलब्ध करवाने को कहा। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिये त्वरित रिस्पांस जरूरी है। इसके लिये विभाग श्रम शक्ति के संपर्क नम्बर भी सांझा करें।
सरकैक ने कहा कि बहुत सारे ऐसे उपाय हैं जो अनेक आपदाओं को आने से रोक सकते हैं। इन छोटे-छोटे उपायों और आपदा प्रबंधन पर संबंधित विभागों को गहन अध्ययन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मॉनसून के दौरान बादल फटना, ल्हासे गिरना अथवा भूःस्खलन जैसी समस्याएं अधिक रहती हैं। लोक निर्माण विभाग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़कों के आस-पास नालियों व पानी निकासी की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए।
उन्होंने संबंधित विभागों को आपदा की दृष्टि से जिले के संवेदनशील स्थलों को चिन्हित करके इसकी रिपोर्ट सौंपने को कहा। वैकल्पिक सड़क मार्गों का किया जाए समुचित रख-रखाव उपायुक्त ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व लोक निर्माण विभाग को राजमार्गों अथवा अन्य सड़कों पर ल्हासे गिरने व भूःस्खलन वाले संवेदनशील स्थलों की प्राथमिकता के आधार पर मुरम्मत करने को कहा ताकि अनावश्यक जाम की समस्या से बचा जा सके और साथ ही लोगों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग को जिले में वैकल्पिक संपर्क सड़कों का भी समय पर उचित रख-रखाव करने को कहा ताकि मुख्य राजमार्गों के अवरूद्ध होने की स्थिति में अथवा किसी आपदा की स्थिति में यातायात अवरूद्ध न हो। लोक निर्माण विभाग के अभियंता ने अवगत करवाया कि जिला की कुछ सड़कें काफी संवेदनशील हैं जो अत्यधिक वर्षा के कारण प्रभावित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के पास लगभग 750 मजदूर तथा पर्याप्त संख्या में जे.सी.बी.ए डोजर व टिप्पर उपलब्ध हैं। मशीनरी को संवेदनशील सड़कों के समीप तैनात कर दिया गया है ताकि बहाली का कार्य तुरंत से किया जा सके।
निर्बाध स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करें आईपीएच
उपायुक्त ने जल शक्ति विभाग को जिले के सभी भागों में स्वच्छ व निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि जिला की उन पेयजल योजनाओं को प्राथमिकता के तौर पर बहाल रखने के प्रयास करें जो भूस्खलन या अन्य आपदाओं के कारण प्रभावित हो सकती हैं।
संवेदनशील स्पॉटस् कि सूची उपलब्ध करवाएं विभाग
प्रशांत सरकैक ने लोक निर्माण विभाग को जिला में सभी संवेदनशील प्वांटस की सूची उपलब्ध करवाने को कहा जो अत्यधिक बरसात के कारण प्रभावित हो सकते हैं। इसी प्रकार जल शक्ति विभाग से प्रभावित होने वाली पेयजल योजनाओं की सूची, वन विभाग को ऐसे पेड़ों का पता लगाने को कहा जो सड़को अथवा बिजली की लाईनों को क्षति पहुंचा सकते हैं, की सूची भी जल्द प्रस्तुत करने को कहा।
पुलिस व होम गार्ड की टीमों का हो मजबूत तंत्र
उपायुक्त ने कहा कि किसी भी आपदा में पुलिस फर्स्ट रिस्पोण्डर के तौर पर कार्य करती है। ऐसे में पुलिस व होम गार्ड को अपनी टीमें तैयार रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला में होम गार्ड की बचाव टीमें बनाई गई हैं जिन्हें जरूरत पड़ने पर बुलाया जा सकता है।
जल स्त्रोतों के समीप कूड़ा-कचरा न फैंके
उपायुक्त ने कहा कि कूड़े-कचरे की समस्या से निपटने के लिए आम जनमानस का सहयोग अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि नगर परिषदें व पंचायतें सुनिश्चित करें कि कूड़ा घर के स्तर पर ही छंटाई करके प्राप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने पंचायतों में भी कूड़े के समुचित निस्तारण के लिए पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि गांव स्तर तक सफाई की व्यवस्था बनाने के लिए पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों को आवश्यक व प्रभावी कदम उठाने चाहिए। विशेषकर नदी-नालों व अन्य जल स्त्रोतों के समीप किसी प्रकार की गंदगी फैलाने को गंभीरतापूर्वक लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नदी नालों का पानी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के लिए उपयोग में लाया जाता है और ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए।
अग्निशमन उपकरणों से लैस हो सभी मुख्य भवन
उपायुक्त ने कहा कि जिले में सभी सरकारी भवन, स्कूल व अन्य प्रमुख भवनों में फायर उपकरण सही हालत में रहने चाहिए। हितधारकों को इनके संचालन बारे जानकारी प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि बहुत से भवनों में ये उपकरण निष्क्रिय पड़े हैं, इन्हें हर समय क्रियाशील रखना सुनिश्चित बनाएं। विशेषकर आगजनी जैसी आपदा के दौरान अग्निशमन उपकरण विल्कुल तैयार रहने चाहिए।
पंचायत स्तर पर शैल्टर होम चिन्हित करें
प्रशांत सरकैक ने सभी खण्ड विकास अधिकारियों से पंचायत स्तर पर ऐसे सरकारी भवनों को चिन्हित करने को कहा जिन्हें आपदा के दौरान शैल्टर होम बनाया जा सके। इनमें सामुदायिक भवन, पंचायत घर अथवा अन्य भवन हो सकता है। आपदा के दौरान प्रभावित लोगों को इस प्रकार के शैल्टर होम की जरूरत पड़ सकती है। नदी किनारे सैल्फी न लेने की चेतावनी व बोर्ड स्थापित करवाएं एसडीएम उपायुक्त ने कहा कि बहुत से सैलानी तेज बहाव वाली नदियों के समीप शिलाओं पर चढ़कर सैल्फी लेते नजर आते हैं और यदा-कदा दुर्घटना का शिकार भी बन जाते हैं। उन्होंने सभी एसडीएम को नदियों के किनारे शीघ्र चेतावनी बोर्ड लगवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पुलिस भी ऐसे संवेदनशील स्थलों पर सैलानियों को नदी के समीप जाने से रोके और स्थानीय लोगों से भी इस संबंध में पर्यटकों को सचेत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पार्वती नदी में पूर्व में अनेक घटनाएं देखने को मिली हैं। इन्हें रोकने के लिए स्थानीय लोगों का सहयोग लिया जाना चाहिए और सैलानियों को लोग भी सतर्क करें।
आपदा की सूचना 1077 पर दें
उपायुक्त ने कहा कि जिले के किसी भी भाग में किसी भी प्रकार की आपदा की रिपोर्ट तुरंत से टॉल-फ्री नम्बर 1077 पर दी जानी चाहिए। हालांकि, जिला में गठित आपदा प्रबंधन के सभी सदस्यों के नम्बर भी मौजूद हैं जिन्हें समय-समय पर समाचार पत्रों के माध्यम से भी प्रचारित किया जाता है।
विभाग करें नोडल अधिकारियों की नियुक्ति
डीसी ने सभी विभागों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी हर समय फोन पर उपलब्ध रहना चाहिए। नोडल अधिकारियों की सूचना जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ को शीघ्र देने को कहा। एसडीएम संबंधित उपमण्डलों में अलग से करें बैठकें । उपायुक्त ने जिला के समस्त एसडीएम को संबंधित उपमण्डलों में बरसात की तैयारियों को लेकर बैठकें आयोजित करने को कहा। डीसी ने कहा कि कम्यूनिकेशन तथा सूचना का तुरंत आदान-प्रदान किसी भी आपदा के दौरान सबसे महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बीएसएनएल से शैडो क्षेत्रों में सिगनल को समय रहते दुरूस्त करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पुलिस तुरंत से किसी भी आपदा की जानकारी को 1077 पर शेयर करें। इसी प्रकार, सभी विभाग किसी भी आपदा का पता चलने पर जानकारी को सांझा करें। उन्होंने कहा कि गोताखोंरो अथवा तैराकों की टीम को भी चिन्हित कर लें। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद, एसडीएम बंजार पीसी आजाद, सहायक आयुक्त शीशपाल नेगी, लोक निर्माण, जल शक्ति व विद्युत विभागों के अभियंता, राज्य आपदा प्रबंधन के अधिकारी, होम गार्ड, आई.टी.बी.पी. व सीमा सड़क संगठन, के अधिकारियों सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।