Hot Widget

Type Here to Get Search Results !

advt

विश्व बैंक ने प्रदेश के लिए 2500 करोड़ रुपये के ग्रीन रेजीलिएंट इंटेग्रेटिड प्रोग्राम में दिखाई रूचि

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां दक्षिण एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक (सतत विकास) जॉन रूमे के नेतृत्व में विश्व बैंक की टीम के साथ बैठक के दौरान प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की अवधारणा पर चर्चा की। इस दौरान विश्व बैंक की सहायता से वर्ष 2025 तक प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के उठाए जाने वाले विभिन्न कदमों पर भी चर्चा की गई।
विश्व बैंक की टीम ने प्रदेश के लिए ग्रीन रेजीलिएंट इंटेग्रेटिड प्रोग्राम पर विशेष रूचि दिखाई जिस पर लगभग 2500 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। यह राशि तकनीकी समीक्षा के आधार पर बढ़ाई भी जा सकती है।

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की टीम के इस दौरे के सफल परिणाम सामने आएंगे जिससे प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को पाने में सहायता मिलेगी। प्रदेश सरकार ने आगामी नौ महीनों में 200 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य सरकार वर्ष 2024 के अंत तक 500 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि अधिग्रहण पर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में इलैक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है जिससे प्रदेश का वातावरण भी संरक्षित रहेगा। प्रथम चरण में आगामी वर्ष तक अधिकतम विभागों में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विश्व बैंक इस संबंध में विभिन्न कार्यक्रमों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करेगा।

प्रदेश सरकार राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन की तर्ज पर प्रदेश में वृहद् स्तर पर उत्पादन से लेकर उपयोग तक कार्यप्रणाली पर कार्य करने के लिए प्रयासरत है। हालांकि ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की तकनीक महंगी है लेकिन सरकार इस संबंध में इंडियन ऑयल कार्पाेरेशन से परामर्श लेगी जो भारत में ग्रीन हाईड्रोजन आर्थिकी के लिए अग्रणी कदम उठा रही है। इसके तहत देश के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में प्रथम ग्रीन हाईड्रोजन संयंत्र आरंभ किया गया है। प्रदेश सरकार राज्य में कार्बन डाईऑक्साईड को घटा कर प्रदेश को प्रथम प्रदूषण रहित राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है।

जोन रूमे ने मुख्यमंत्री द्वारा हरित ऊर्जा एवं स्वच्छ राज्य के लक्ष्य को प्राप्त करने की दूरदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास एक अच्छी शुरूआत प्रदान करते है। उन्होंने मुख्यमंत्री को इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रिक वाहन नीति को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा तथा शीघ्र ही विश्व बैंक की एक टीम तकनीकी समीक्षा के लिए प्रदेश का दौरा करेगी।

बैठक के दौरान प्रदेश में विश्व बैंक द्वारा भविष्य में विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की गतिविधियों पर भी चर्चा की गई जिसमें सतत् वन प्रबन्धन, सामुदायिक वानिकी, पारिस्थितिक सेवाएं, आपदा प्रबन्धन के अलावा तटों, जल स्त्रोत प्रबन्धन, प्रकृति आधारित पर्यटन तथा पारिस्थितिक सेवाओं का भुगतान शामिल है। विश्व बैंक ने इन प्रस्तावित परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए सहायता प्रदान करने की सहमति प्रदान की।

इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad