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प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुधारने में सभी का सहयोग आवश्यक: मुख्यमंत्री

विधायक प्राथमिकता की बैठक के दूसरे दिन के दूसरे सत्र में जिला सोलन, बिलासपुर और मंडी के विधायकों ने अपने क्षेत्र के विकास की योजनाओं के प्रस्ताव दिए। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद योजना की यह पहली बैठक है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार व्यवस्था परिवर्तन के लिए काम कर रही है, जिसमें थोड़ा समय लगेगा। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कड़े फैसले लेगी, जिसमें सभी का सहयोग अनिवार्य है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहन नीति में बदलाव करेंगे तथा प्रमुख योजनाओं को बजट में स्थान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र से संबंधित नई योजनाएं लाएं जिसके लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि विधायक प्राथमिकता की बैठकें विचार विमर्श के लिए महत्वपूर्ण होती है, जिसमें बहुमूल्य सुझाव प्राप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव इन योजनाओं की निगरानी करते हैं और विधायक प्राथमिकता की योजनाओं की प्रगति की जानकारी विधायकों को दी जाती है।

सोलन जिला: नालागढ़ के विधायक के.एल. ठाकुर ने कहा कि नालागढ़ क्षेत्र में सड़क सुविधा के सुदृढ़ीकरण पर बल दिया गया है। उन्होंने रामशहर डिग्री कॉलेज के निर्माण के लिए धन का प्रावधान करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार नालागढ़-भरतगढ़, नालागढ़-बघेरी और काला अंब-पांवटा सड़क को फोरलेन बनाने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने उद्योगों में स्थानीय लोगों को 70 प्रतिशत रोजगार प्रदान करने तथा क्षेत्र की पेयजल परियोजनाओं के सुदृढ़ीकरण पर भी बल दिया।
कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने ट्रैफिक जाम की समस्या का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई परियोजनाएं लाने की आवश्यकता है। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के तहत तीन कंटोनमेंट क्षेत्रों में कई पीढ़ियों से रह रहे आम लोगों को पेश आ रही समस्याओं का मामला भी उठाया। विनोद सुल्तानपुरी ने कौशल्या नदी पर टिंबर ट्रेल के पास बांध और उस पर सड़क बनाने का भी आग्रह किया।

जिला बिलासपुर: झंडूता से विधायक जीत राम कटवाल ने जल संरक्षण से सिंचाई का आधारभूत ढांचा मजबूत करने, बेहतर सड़क सम्पर्क, पुलों के निर्माण और रोपवे बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने क्षेत्र में जलक्रीड़ा स्थल विकसित करने का आग्रह भी किया। उन्होंने वर्तमान सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्राथमिकता देने और हरित ऊर्जा राज्य बनाने के प्रयासों की सराहना की।
घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी ने हिमाचल प्रदेश को कार्बन न्यूट्रल स्टेट बनाने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सतत् व नियोजित विकास के लिए दूरगामी योजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने ग्रेविटी बेस्ड सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण, श्रीनैना देवी और बाबा बालक नाथ जी मंदिर को गोविंद सागर झील पर रोपवे बनाकर जोड़ने का प्रस्ताव दिया।

बिलासपुर से विधायक त्रिलोक जम्वाल ने सीमेंट कंपनी विवाद का मामला उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और ट्रक ऑपरेटरों की मदद करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने अपने क्षेत्र के गांवों की सड़कों की मरम्मत कर उन्हें सुचारू बनवाने का आग्रह भी किया। उन्होंने कोल डैम तथा गोबिंद सागर से पीने के पानी की योजनाओं की क्षमता को बढ़ाने का आग्रह किया।

श्रीनैना देवी जी विधानसभा क्षेत्र के विधायक रणधीर शर्मा ने श्रीनैना देवी मंदिर में विकास कार्यों के दृष्टिगत प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने नैनादेवी में 33 केवी सब स्टेशन के निर्माण को गति प्रदान करने का आग्रह किया। ग्वालथाई औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने तथा ओलिंडा से स्वारघाट से 66 करोड़ रुपये लागत की पानी की परियोजना का निर्माण कार्य तुरंत शुरू करने का आग्रह किया।
बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव चौधरी राम कुमार, संजय अवस्थी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, वित्त सचिव अक्षय सूद, योजना सलाहकार डॉ बासु सूद, प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और अन्य उच्चधिकारी उपस्थित रहे।

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